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एस जयशंकर ने विदेश मंत्री मूसा से की मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

सत्य खबर/नई दिल्ली:

मालदीव के विदेश मंत्री ने पोस्ट में लिखा, ‘गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के मौके पर युगांडा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलकर बहुत खुशी हुई. मालदीव से भारतीय सेना की वापसी के मुद्दे पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर हमने अपने विचार व्यक्त किये. पिछले कई दिनों से भारत और मालदीव के रिश्तों में काफी तनाव चल रहा था. लेकिन अब इस विवाद के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को अपने समकक्ष मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात की. दोनों की ये मुलाकात युगांडा के कंपाला में हुई थी. दोनों नेता गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कंपाला में थे.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि दोनों के बीच ‘स्पष्ट बातचीत’ हुई. जयशंकर ने पोस्ट में लिखा कि उन्होंने कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात की. दोनों देशों के रिश्तों पर खुलकर चर्चा हुई. इसके अलावा गुटनिरपेक्ष सम्मेलन से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की गई.

भारतीय सेना की वापसी के मुद्दे पर चर्चा हुई

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने भी इस मुलाकात के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा, ‘गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के मौके पर युगांडा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलना बहुत खुशी की बात थी। हमने मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके अलावा मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को जल्द पूरा करने और सार्क सदस्य और गुटनिरपेक्ष सदस्य के तौर पर सहयोग बढ़ाने पर भी बात हुई.

भारतीय सैनिकों को वापस भेजने का ऐलान किया गया

हाल ही में मालदीव की सरकार ने भारत से अपने सैनिकों को उनके देश से वापस बुलाने को कहा था. मालदीव के राष्ट्रपति ने 15 मार्च तक सभी भारतीय सैनिकों की वापसी की समय सीमा तय की थी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के प्रधान सचिव अब्दुल्ला नाज़िम इब्राहिम ने कहा था कि भारतीय सैनिक मालदीव में नहीं रह सकते। यह मोइझू सरकार की नीति नहीं है. मालदीव सरकार द्वारा सैनिकों की वापसी की समयसीमा पर भारत ने अभी तक कुछ नहीं कहा है, लेकिन कहा जा रहा है कि इस पर चर्चा चल रही है. वर्तमान में, भारतीय सेना के लगभग 70 सैनिक डोर्नियर 228 समुद्री गश्ती विमान और दो ध्रुव हेलीकॉप्टरों के साथ मालदीव में तैनात हैं।

इस मुद्दे पर विवाद हो गया

आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था. इस दौरान पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की प्राकृतिक खूबसूरती की तारीफ की थी और भारतीयों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी. आगे क्या हुआ: इसके बाद सोशल मीडिया पर मालदीव और लक्षद्वीप के बीच तुलना शुरू हो गई. इस बीच मालदीव सरकार के तीन नेताओं ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की. जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई. इस पर मालदीव ने अपने तीन मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया और इसी बीच मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन का दौरा किया और चीन ने मालदीव का समर्थन किया. इसके बाद ही मालदीव के राष्ट्रपति ने भारतीय सैनिकों के लिए मालदीव छोड़ने की समय सीमा तय कर दी थी.
अब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात से इस मामले में दोनों तरफ से नरमी की गुंजाइश बनती दिख रही है.

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